Wednesday, 4 May 2016

आम कितने खास


आम का मौसम आते ही उन लोगों के चेहरे खिल जाते हैं जो साल भर इस मौसम का इन्तजार करते हैं। अगर कोइ मुझसे पूछे कि मुझे कैसे आम पसन्द हैं तो मेरा जवाब तो एक ही होगा कि आम कोई भी हो बस मीठे हो और बहुत सारे हों। आम हमारा राष्ट्रीय फल है। दुनिया में सबसे ज्यादा आम भारत में होते हैं। भारत आमों का सबसे बडा निर्यातक देश भी है।
आम का नाम आम जरूर है पर यह कितना खास है इसके बारे में इसके किसी शौकीन से पूछकर देखिए। आम के शौकीन लोगों मे एक नाम गालिब का भी है वे कहा करते थे कि
 "आम की बहार आ गई कि गालिब जवां हो गए।"
बचपन से ही सुनते आए हैं कि "आम फलों का राजा है" मन में हमेशा सवाल उठा कि आम ही राजा क्यूं पपीता या अनार क्यूं नहीं??
कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर आम के बहुत शौकीन थे। उन्होने अपने राज्य मे १० लाख आम के पेड लगाने का आदेश दिया था। लाल किले में भी आम का बगीचा हुआ करता था। बाद्शाहों की सोहबत के कारण ही शायद आम को फलों का राजा कहा जाता है।
बाजारों मे आम की कई किस्में आती हैं हर आम के नाम की अपनी अलग-अलग कहानियां हैं ऎसी ही एक कहानी लंगडा आम के बारे में सुनी कहा जाता है कि बनारस के शिवमंदिर में एक साधु आकर ठहरा । उसने वहां आम का एक पेड लगाया। जब वह पेड बडा हुआ और उसमें मंजरी आई तो साधु ने कहा कि इसके फल भगवान शिव को चढाना और प्रसाद के रूप में लोगों को बांट देना। उस आम के स्वाद के कारण लोगॊं की भीड लगने लगी। जब बात राजा तक पहुची तो राजा ने आम की कलम मांगी। पुजारी ने उनकी इच्छा का सम्मान करने टोकरी में आम लेकर दरबार में गया। पुजारी ने आम की कई कलम राजा के बाग में लगा दी। जिससे आम का सुंदर बगीचा तैयार हो गया। यह बगीचा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय कॊ घेरे हुये है। पुजारी के पैर में तकलीफ थी तो वो लंगडा कर चलता था। इसलिये उसका नाम लंगडा आम पड गया।
दशहरी आम का सफर काकोरी के पास एक गांव से शुरू हुआ उस गांव का नाम ही दशहरी है।
चौसा आम हरदोई जिले के चौसा गांव से निकला है।
अलफांसो आम महाराष्ट्र में होता है आम फलॊं का राजा है और अलफांसो आमों का राजा है। इसे गुंडुखादेर,हाफुस और कगडी के नाम से भी जाना जाता है ।
नीलम आम तमिलनाडु में पैदा होने वाली किस्म है।
तोतापरी आम मुख्यरूप से आंध्रप्रदेश में होता है। इसकी खास तरह की नुकीली शक्ल से इसे आसानी से पहचाना जा सकता है।
आम एक ऎसा फल है जिसकी रेसिपी पर कई किताबें लिखी जा सकती हैं। मेरी कुछ पसंदीदा आम की चट्नी, मेंगोशेक, आमपना, आम का मुरब्बा, आम का अचार, लिखते लिखते ही मेरे मुंह में पानी आ जाता है।
आम सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत की द्रष्टि से भी महत्वपूर्ण है। गर्मी में आम का पना पीने से लू नहीं लगती है। अगर आपका वजन सामान्य से कम है तो मेंगोशेक पीकर वजन भी बडाया जा सकता है।

इसलिये कहती हूं आम खाइये और आम की चिंता कीजिये।

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