Sunday, 1 May 2016

शराब एक Status Symbol या खतरे की घन्टी ??

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिन्ह चौहान के जिले सीहोर के नसरुल्लागन्ज के एक गांव में पंचायत ने यह फैसला लिया है कि अब इस गांव में शराब या किसी भी नशीले पदार्थ के सेवन या बेचने या खरीदने पर पाबंदी लगा दी जाए।
सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में भी शराब पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है।
शराब एक सामाजिक बीमारी है जो हमेशा से ही समाज के लिये घातक रही है। शराब का सेवन करने के हर वर्ग के अपने-अपने कारण होते हैं। एक तरफ यह अमीर लोगों के शौक एवं स्टैण्डर्ड का प्रतीक है। गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिये यह दिन भर की थकान और चिन्ता दूर करने का जरिया है। युवा वर्ग मौजमस्ती एवं शौक के लिये इसका सेवन करते हैं। परन्तु इनमें से कोई भी कारण शराब को स्वास्थ्य एवं जीवन के लिये लाभदायद सिद्ध नहीं कर सकता है।

वर्तमान में पूरे प्रदेश मे विभिन्न स्थानों पर शराब पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु अभियान चलाये जा रहे हैं । समाज के सभी वर्गों के लोग एक साथ मिलकर इसके लिये प्रयासरत हैं। सम्पूर्ण प्रदेशवासियों में शराबबंदी के लिये फैली जागरुकता अत्यंत हर्ष का विषय है ।

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