Friday 3 July 2020

चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध: डिलीट करने की बजाय नियंत्रण

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डेटा सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए, भारत सरकार द्वारा 59 ऐप को अवरुद्ध किये जाने की घोषणा की गयी। इनमें से अधिकाँश ऐप्स, चीनी कंपनियों से संबंधित हैं।

सरकार के अपने निर्णय के पक्ष में तर्क:

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने खतरों की उभरती प्रकृति को देखते हुए 59 ऐप्स को ब्लॉक करने का निर्णय लिया है क्योंकि उपलब्ध जानकारी के मद्देनजर ये उन गतिविधियों में लगे हुए हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडताभारत की रक्षाराज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए नुकसानदेह हैं।

  • मंत्रालय के अनुसार, डेटा सुरक्षा से संबंधित पहलुओं और 130 करोड़ भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिए चिंताएं बढ़ गई हैं।
  • ये ऐप्स उपयोगकर्ताओं के डेटा को अनधिकृत तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वरों पर प्रसारित कर रही हैं।
  • इन आंकड़ों का संकलन और इनकी माइनिंग एवं प्रोफाइलिंग उन तत्वों द्वारा किया जा रहा है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिए खतरनाक हैं। इस प्रकार उसका प्रभाव अंततः भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए नुकसानदेह है।

डेटा स्थानीयकरण (Data localisation):

सरकार ने कहा कि यह कदम भारतीय उपयोगकर्ताओं के डिजिटल डेटा को चीनी सरकार से बचाने के लिए उठाया गया है तथा यह ‘डेटा स्थानीयकरण’ संबंधी चिंताओं का समाधान करता है।

डेटा स्थानीयकरण का क्या अर्थ है?

डेटा स्थानीयकरण का अर्थ, डेटा उत्पन्न करने वाली किसी देश की सीमाओं में भौतिक रूप से मौजूद किसी डिवाइस पर डेटा संग्रहीत करना है। भारतीय नागरिकों का डेटा भारतीय भू-भाग में ही स्थित किसी केंद्र में संग्रहीत किया जाना अनिवार्य है।

भारत के लिए डेटा स्थानीयकरण क्यों आवश्यक है?

  1. नागरिक डेटा की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, डेटा संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के आर्थिक विकास को सुरक्षित रखने के लिए।
  2. न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट, आरबीआई की सिफारिशेंई-कॉमर्स नीति ड्राफ्ट और क्लाउड नीति पैनल ड्राफ्ट में डेटा स्थानीयकरण के संकेत दिया गया है।
  3. प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा किया गया व्यापक डेटा संग्रह, उन्हें देश के बाहर भारतीय उपयोगकर्ताओं के डेटा को संसाधित और मुद्रीकृत (monetize) करने में सक्षम बनाता है। अतः व्यक्तिगत डेटा के अनियंत्रित और मनमाने ढंग से उपयोग के खतरों को कम करने के लिएडेटा स्थानीयकरण आवश्यक है।
  4. डिजिटल तकनीकें जैसे मशीन लर्निंग (machine learning– ML)आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things– IoT), विभिन्न डेटा से प्रचुर कमाई कर सकते हैं। इसके लिए सीमायें स्थापित करना आवश्यक है, अन्यथा इसके परिणाम विनाशकारी हो सकता है।
  5. क्लाउड कंप्यूटिंग के आगमन के साथ, भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा देश की सीमाओं के बाहर पहुच जाता है, जिससे किसी भी विवाद के उत्पन्न होने पर अधिकार क्षेत्र संबधी संघर्ष होता है।

अनुशंसाएँ:

श्रीकृष्ण समिति ने डेटा के सीमा पार स्थानांतरण और भंडारण पर रोक लगाने हेतु इससे संबंधित मानकों को सख्त करने का सुझाव दिया है। समिति, विदेशी सर्विलांस को रोकने हेतु, भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस परिवेश तैयार करने तथा कानून प्रवर्तन के लिए डेटा का स्थानीयकरण पर जोर देती है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने केवल भुगतान प्रणाली डेटा को भारत में संग्रहीत करने के लिए भुगतान प्रणाली प्रदाताओं के लिए एक कठोर डेटा स्थानीयकरण अधिदेश लागू किया है।

सरकार, वर्ष 2018 से एक डेटा संरक्षण नीति ड्राफ्ट पर भी काम कर रही है, जो इस समय एक संयुक्त संसदीय समिति के विचाराधीन है।

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