अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC), भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की साझीदारी में आगामी 4 जुलाई, 2020 को अषाढ़ पूर्णिमा पर धम्म चक्र दिवस मना रहा है।
धम्म चक्र दिवस का महत्व:
- यह दिन बुद्ध के ज्ञान प्राप्त करने के बाद भारत में वाराणसी के निकट सारनाथ में आज के दिन हिरण उद्यान, ऋषिपटन में अषाढ़ की पूर्णिमा को पहले पांच तपस्वी शिष्यों (पंचवर्गिका) को उपदेश दिए जाने को चिन्हित करता है।
- धम्म चक्र-पवट्टनसुता (पाली) या धर्म चक्र प्रवर्तन सूत्र (संस्कृत) का यह उपदेश धर्म के प्रथम चक्र के घूमने के नाम से भी विख्यात है और चार पवित्र सत्य तथा उच्च अष्टमार्ग से निर्मित्त है।
- अषाढ़ पूर्णिमा का पावन दिवस भारतीय सूर्य कैलेंडर के अनुसार अषाढ़ महीने की पहली पूर्णिमा को पड़ता है,
- यह श्रीलंका में एसाला पोया तथा थाईलैंड में असान्हा बुचा के नाम से विख्यात है।
- बुद्ध पूर्णिमा या वेसाक के बाद बौद्धों के लिए यह दूसरा सबसे पवित्र दिवस है।
- इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में बौद्धों और हिंदुओं दोनों द्वारा अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।
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