Wednesday 1 July 2020

नागालैंड में कानून और व्यवस्था पर चिंता

हाल ही में, नागालैंड के राज्यपाल ने, मुख्यमंत्री को पत्र द्वारा राज्य में सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में चिंता व्यक्त की है। इनके अनुसार, “सशस्त्र गिरोहों द्वारा दिन-प्रतिदिन संवैधानिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकार की वैधता को चुनौती दी जा रही है।” तथा वह “संविधान के अनुच्छेद 371ए (1)(बी) के तहत राज्य में संवैधानिक दायित्वों से दूर नही रह सकते है”।

अनुच्छेद 371A(1)(b) क्या है?

यह अनुच्छेद विशेष रूप से नागालैंड में लागू होता है, जिसके अंतर्गत राज्यपाल को “कानून और व्यवस्था के संबंध में विशेष जिम्मेदारी” प्रदान की गयी है।

इसके प्रावधानों के अनुसार, सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए, राज्य के कानून और व्यवस्था संबंधित सभी मामलों पर राज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।

चर्चा का विषय

राज्यपाल द्वारा कानून और व्यवस्था के पतन पर नागरिक समाज के वर्गों की चिंताओं को उठाया गया है; राज्य में सशस्त्र समूहों द्वारा अवैध वसूली का मुद्दा कई वर्षों से चिंता का विषय रहा है।

आगे की राह

सरकार द्वारा, वर्ष 2015 से नागा शांति समझौते की घोषणा के बाद भी, राज्य में इन समूहों के साथ समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

इसका एक प्रमुख कारण, एक अलगाववादी संगठन ‘NSCN-IM’ द्वारा नागालैंड राज्य के लिए अलग ध्वज तथा अलग संविधान की मांग है। इसके साथ ही, यह संगठन, राज्य में समानांतर प्रशासनिक और अर्धसैनिक संरचना चला रहा है, जिसे यह समाप्त करने नहीं चाहता है।

यह संगठन, ‘ग्रेटर नागालैंड’ की मूल अवधारणा में विश्वास रखता है, जिसके माध्यम से यह अन्य नागा-संगठनों तथा उत्तर-पूर्वी संगठनों में असंतोष भडकाता रहता है। इस कारण अन्य उग्रवादी संगठनों को एक साथ वार्ता के मंच पर नहीं आ पाते, जिससे संघर्ष-विराम की घोषणा के बाद भी समस्या बनी हुई है।

 नागा राजनीति का संक्षिप्त इतिहास

स्वतंत्रता पूर्व:

  1. अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1826 में असम पर कब्जा कर लिया गया तथा वर्ष 1881 में नागा हिल्स भी ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गयीं। नागा विद्रोह का पहला संकेत वर्ष 1918 में ‘नागा क्लब’ के गठन में देखा जाता है। इसके सदस्यों ने वर्ष 1929 में साइमन कमीशन को नागा पहाडियों से चले जाने को कहा था।
  2. वर्ष 1946 में नागा नेशनल काउंसिल (Naga National Council– NNC) का गठन हुआ, जिसने 14 अगस्त 1947 को नागालैंड को एक स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया।
  3. NNC ने “संप्रभु नागा राज्य” स्थापित करने का संकल्प लिया और वर्ष 1951 में एक “जनमत संग्रह” कराया, जिसमें “99 प्रतिशत” ने एक “स्वतंत्र” नागालैंड का समर्थन किया।

स्वतंत्रता पश्चात:

22 मार्च, 1952 को भूमिगत नागा फ़ेडरल गवर्नमेंट (NFG) और नागा फ़ेडरल आर्मी (NFA) का गठन किया गया। भारत सरकार ने विद्रोह को कुचलने के लिए सेना भेजी तथा वर्ष 1958 में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम बनाया गया।

नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नगालिम (NSCN) का गठन

वर्ष 1975 में नागा नेशनल कौंसिल (NNC) ने सरकार के साथ शिलांग समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, तथा भारतीय संविधान को स्वीकार कर लिया। NNC के निर्णय से नाराज होकर थ्यूइंगालेंग मुइवा तथा खपलांग ने मिलकर वर्ष 1980 में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नगालैंड (NSCN) का गठन किया।

वर्ष 1988 में, हिंसक झड़प के बाद NSCN,  NSCN (IM) और NSCN (K) में विभाजित हो गया।

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