भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्र में किसी भी संभावित प्रणालीगत जोखिम से बचने के लिए एक विशेष उद्देश्य संवाहक (Special Purpose Vehicle– SPV) के माध्यम से ‘गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों’ (Non-Banking Finance Companies- NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (Housing Finance Companies- HFCs) के लिए विशेष नकदी प्रवाह योजना की घोषणा की।
पृष्ठभूमि:
केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा NBFCs तथा HFCs की नकदी प्रवाह स्थिति में सुधार के उद्देश्य से 13 मार्च 2020, को 30,000 करोड़ रुपये की एक विशेष नकदी प्रवाह योजना शुरू करने की घोषणा की गयी थी।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
- RBI ट्रस्ट द्वारा जारी सरकारी गारंटी वाली विशेष प्रतिभूतियों को खरीदकर इस योजना के लिए धन प्रदान करेगा।
- इस प्रकार की प्रतिभूतियों के लिए जारी कुल राशि किसी भी समय 30,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगी।
- भारत सरकार ट्रस्ट द्वारा जारी विशेष प्रतिभूतियों के लिए बिना शर्त और अपरिवर्तनीय गारंटी प्रदान करेगी।
पात्रता:
- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (प्रमुख कोर निवेश कंपनियों के रूप में पंजीकृत को छोड़कर) के तहत RBI में पंजीकृत सूक्ष्म-वित्त संस्थान (Microfinance Institutions) सहित कोई भी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों’ (NBFCs)।
- राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम,1987 के तहत राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank) में पंजीकृत कोई भी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFC)।
अन्य पात्रता मानदंड:
निम्नलिखित व्यापक शर्तों का अनुपालन करने वाली कंपनियाँ ही उक्त सुविधा से धन जुटाने के लिए पात्र होंगी:
- पूंजी पर्याप्तता के मामले में आरबीआई नियमों का अनुपालन।
- 31 मार्च 2019 को शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 6% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- पिछले दो वित्तीय वर्षों (2017-2018 और 2018-2019) में कंपनी किसी एक वर्ष के दौरान शुद्ध लाभ में रही हो।
- 1 अगस्त, 2018 से पिछले एक वर्ष के दौरान किसी भी बैंक द्वारा उसके उधार के लिये एसएमए -1 या एसएमए -2 श्रेणी के तहत रिपोर्ट नहीं की गई हो।
- सेबी पंजीकृत रेटिंग एजेंसी द्वारा इन्वेस्टमेंट ग्रेड की रेटिंग प्राप्त हो।
कार्यान्वयन:
- सार्वजनिक क्षेत्र का एक बड़ा बैंक स्ट्रेस्ड संपत्ति फंड (SAF) का प्रबंधन करने के लिए एक विशेष उद्देश्य संवाहक (SPV) का गठन करेगा जो भारत सरकार की गारंटी के साथ ब्याज वाली विशेष प्रतिभूतियां जारी करेगी और उसे सिर्फ भारतीय रिज़र्व बैंक ही खरीदेगा।
- SPV जरूरत के हिसाब से प्रतिभूतियां जारी करेगा जो प्रतिभूतियों की बकाया राशि पर निर्भर करेगा और यह राशि 30,000 करोड़ से अधिक नहीं होगी और जरूरत पड़ने पर इसे अभीष्ट राशि तक बढ़ाई जा सकती है।
- विशेष उद्देश्य संवाहक (SPV) द्वारा जारी प्रतिभूतियों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा खरीदा जाएगा।
आगे की राह:
- ट्रस्ट द्वारा सदस्यता ग्रहण करने हेतु यह योजना 3 महीने तक खुली रहेगी।
- ट्रस्ट से ली जाने वाली उधारी की अवधि (90 दिनों तक की छोटी अवधि के लिए NBFCs / HFCs के CP/NCD) 90 दिनों तक की होगी।
- इस वित्तपोषण का उपयोग NBFCs / HFCs द्वारा केवल मौजूदा देनदारियों को चुकाने के लिए किया जाएगा और परिसंपत्तियों के विस्तार के लिए उसका उपयोग नहीं किया जाएगा।
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