Monday 6 July 2020

G4 वायरस (G4 Virus)

चीन में शोधकर्ताओं द्वारा एक स्वाइन फ्लू की तरह दिखने वाले एक नए वायरस जी4 (G4) की खोज की गई है, यह वायरस स्वाइन फ्लू का एक नया रूप हो सकता है। G4 वायरस मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है तथा इसमें भविष्य में महामारी उत्पन्न करने की क्षमता है।

शोधकर्ताओं ने G4 वायरस, H1N1 वायरस का ही एक प्रकार घोषित किया है जो वर्ष 2009 में फ़ैली स्वाइन फ्लू महामारी का कारण था।

जी 4 वायरस क्या है?

  • G4 वायरस H1N1 फ्लू वायरस की एक नयी खोजी गयी नस्ल है।
  • यह मूल रूप से सूअरों में पाया जाने वाला एक वायरस है।
  • जी4 वायरस, मानव कोशिकाओं में संग्राहक अणुओं (receptor molecules) से बंध जाता है और श्वसन तंत्र की बाहरी परत में खुद की प्रतिकृतियां तैयार कर सकता है अर्थात खुद की संख्या बढ़ा सकता है।

संचरण तथा लक्षण:

अध्ययन में पता चला है कि यह वायरस एयरोसोल ट्रांसमिशन के माध्यम से फेरेट (नेवले की जाति का एक जानवर) को संक्रमित कर सकता है जिससे उनमें छींक, खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण नजर आने के साथ ही उनके शरीर का 7.3 से 9.8 फीसदी द्रव्यमान के बराबर वजन कम हो सकता है।

चिंताएं:

  • मनुष्यो में संचरित होने में सक्षम है तथा एक अन्य वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है।
  • शोधकर्ता इस बात से चिंतित हैं कि यह वायरस पहले ही म्यूटेट होकर जानवरों से मनुष्यों में न पहुंच चुका हो, लेकिन अभी तक इसके मनुष्य से मनुष्य में प्रसार को कोई सबूत नहीं मिला है।
  • अध्ययन में यह भी पाया गया कि मनुष्य को अन्य इंफ्लुएंजा वैक्सीन से मिलने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता जी4 वायरस से प्रतिरक्षा प्रदान करने में अक्षम है।

H1N1 इन्फ्लूएंजा क्या है?

  • स्वाइन फ्लू एक तीव्र संक्रामक रोग है, जो इनफ्लुएंजा वायरस (H1N1) के द्वारा फैलता है।
  • H1N1 संक्रमण को स्वाइन फ्लू कहा जाता है, क्योंकि अतीत में यह उन्हीं लोगों को होता था जो सूअरों के सीधे संपर्क में आते थे।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इन्फ्लुएंजा A, अर्थात H1N1, व्यक्ति से व्यक्ति में फैल सकता है।
  • इसे WHO द्वारा वर्ष 2009 में एक महामारी घोषित किया गया था।

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