Wednesday, 1 July 2020

विश्व बैंक की STARS परियोजना

STARS का पूर्ण स्वरुप (Strengthening Teaching-Learning and Results for States Program– STARS) है।

STARS, छह भारतीय राज्यों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और शासन में सुधार करने हेतु विश्व बैंक समर्थित एक परियोजना है। परियोजना में सम्मिलित छह राज्य- हिमाचल प्रदेशकेरलमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रओडिशा और राजस्थान हैं।

इस परियोजना से 1.5 मिलियन स्कूलों में 10 मिलियन शिक्षक और 250 मिलियन स्कूली छात्र लाभान्वित होंगे।

परियोजना के अंतर्गत सुधार:

  1. स्कूल सुधार की दिशा में स्थानीय स्तर पर विशिष्ट रूप से निर्मित उपायों के माध्यम से राज्यजिला और उप जिला स्तरों पर शिक्षा सेवाओं के प्रतिपादन पर ध्यान केंद्रित करना
  2. अध्ययन गुणवत्ता का आकलन करने हेतु बेहतर डेटा संग्रह करना;
  3. बृहत्तर जवाबदेही तथा समावेशन हेतु हितधारकों, विशेष रूप से माता-पिता की मांगों का समाधान करना;
  4. कमजोर वर्ग के छात्रों पर विशेष ध्यान देना।
  5. इन परिवर्तनों के प्रबंधन हेतु शिक्षकों को तैयार करना।
  6. भारत की मानव-पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों की शिक्षा पर निवेश करना, तथा इनका संज्ञानात्मक, सामाजिक-व्यवहार और भाषा कौशल विकास सुनिश्चित करना।

आत्मनिर्भर भारत तथा शिक्षा:

‘आत्मनिर्भर भारत’ ऐसे भारत का आह्वान करता है जो अपने नागरिकों के लिए स्थानीय वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन और वितरण करने में सक्षम हो। यह ‘सभी बच्चों के लिए शिक्षा’ पर भी समान रूप से लागू होता है।

विशाल तथा विविधता युक्त जनसँख्या को देखते हुए, शिक्षा जैसी सेवाओं के वितरण हेतु ‘सक्षम-राज्य’ का होना आवश्यक होता है।

राज्य की क्षमता-निर्माण के अंतर्गत ‘अपनी चीजों को स्वतः करने के बारे में सीखने की प्रक्रिया’ सम्मिलित होती है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अवधारणा का मूलतः यही आधार है।

इसलिए, मूलतः इसे आउटसोर्स नहीं किया जा सकता है।

  • दूसरे शब्दों में, राज्य की क्षमता का अर्थ, सरकार में सरकार द्वारा कार्यों का निष्पादन करना है। इसके अंतर्गत, सरकार द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना तथा विभिन्न सुधारों को लागू करने में सक्षम होने भी सम्मिलित होता है।

राज्य क्षमता निर्माण हेतु STARS का दृष्टिकोण त्रुटिपूर्ण क्यों है?

  1. बुनियादी क्षमता संबंधी विषयों के समाधान में विफलता: STARS के अंतर्गत, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIETs), जिला और ब्लॉक शिक्षा कार्यालयों तथा स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को भरने पर ध्यान नहीं दिया गया है।
  2. विकेंद्रीकृत निर्णय-लेने हेतु, शक्ति प्रदान करना तथा वित्त-अंतरण करना अनिवार्य होता है, STARS के अंतर्गत इस तथ्य की अनदेखी की गयी है। इस हेतु, अग्रिम पंक्ति के अधिकारी-तंत्र क्षमता में निवेश के साथ सामाजिक जवाबदेही को बढ़ावा देते हुए इनकी विवेकाधीन शक्तियों में वृद्धि करना भी आवश्यक होता है।
  3. विश्व बैंक परियोजना में ‘विश्वास’ की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। इसके स्थान पर, बैंक से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) पर पूरी तरह निर्भर करता है, जिसमे साक्ष्यों के आधार पर प्रतिपुष्टि का अभाव होता है।
  4. ‘निजी पहलों का विस्तार’ तथा ‘सरकारी कार्यों को कम करना’ के माध्यम से बुनियादी प्रशासनिक कार्यों को आउटसोर्स करना, शिक्षा को ’स्थानीय आवश्यकताओं के लिए अधिक प्रासंगिक’ या ‘स्थानीय अधिकारियों को सशक्त बनाकर लोकतांत्रिक रूप से लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना’ जैसे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त नहीं है।

आगे की राह:

  1. प्रशासन को पर्याप्त भौतिक, वित्तीय और मानव संसाधनों से युक्त होना चाहिए। प्रशासनिक रिक्तियां तथा अधिकारियों पर काम का अतिरिक्त भार, परियोजना के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हानिकारक है।
  2. आवश्यक होने पर, प्रशासनिक सुधारों के अंतर्गत, स्थानीय मामलों को हल करने हेतु संबंधित अधिकारियों को विवेकाधिकार दिया जाना चाहिए।
  3. इस हेतु, प्रशासन में विभिन्न स्तरों पर तथा अपने सहकर्मियों पर विश्वास होना चाहिए।

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