Monday 6 July 2020

रूस में संवैधानिक संशोधन

हाल ही में, रूस में नए संविधान संशोधनों को पारित किया गया है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, नए संवैधानिक संशोधन के पक्ष में 77.92 प्रतिशत मत पड़े जबकि 22.27 प्रतिशत मतदाताओं ने इसका विरोध किया। इसके पूर्व, 206 संवैधानिक संशोधनों को मंजूरी के लिए राष्ट्रीय जनमत संग्रह करवाया गया था।

ज्ञात हो, कि रूस में वर्तमान संविधान वर्ष 1993 में लागू किया गया था, और समय रूस की 54.8 प्रतिशत ने जनता ने इसके पक्ष में मतदान किया था।

संवैधानिक संसोधनों से होने वाले परिवर्तन:

  1. नए संवैधानिक संसोधनों से वर्तमान राष्ट्रपति पुतिन वर्ष 2024 तथा वर्ष 2030 में अगले छह वर्षीय दो कार्यकालों तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।

वर्तमान रूसी संविधान के अंतर्गत कोई व्यक्ति लगातार अधिकतम दो कार्यकाल तक राष्ट्रपति पद पर रह सकता है।

नए संविधान में सैधांतिक रूप से दो कार्यकालों की सीमा में बदलाव नहीं किया गया है, परन्तु व्यवहार में इनके माध्यम से ‘पुतिन’ के कार्यकालों को पुन: नियोजित (Reset) कर दिया है। नए प्रावधानों के अनुसार, वर्ष 2024 में होने वाला चुनाव राष्ट्रपति पुतिन के लिए पहला चुनाव होगा।

  1. अन्य संशोधनों द्वारा, राष्ट्रपति तथा संसदीय शक्तियों को मजबूत किया गया है, इसके अतिरिक्त, समलैंगिक विवाह पर प्रभावी प्रतिबंध सहित पारंपरिक मूल्यों को सुनिश्चित करने तथा बेहतर न्यूनतम मजदूरी और पेंशन की गारंटी हेतु प्रावधान किये गए हैं।
  2. अन्य संवैधानिक परिवर्तनों में, देश की विरासत और ऑर्थोडॉक्स चर्च का सम्मान करने तथा स्थानीय और नगरपालिका प्राधिकारियों पर क्रेमलिन को अधिक शक्ति प्रदान करने संबंधी प्रावधान शामिल किये गए हैं।
  3. नए संशोधनों में विदेशी नागरिकता रखने वाले तथा लोक पदों पर विदेशों में नियुक्त रूसी नागरिकों पर कठोर सीमाएं लगायी गयी है। विशेष रूप से, इन संवैधानिक प्रतिबंधों के तहत, विदेशी नागरिकता रखने वाले तथा लोक पदों पर विदेशों में नियुक्त किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद पर चुनाव लड़ने पर रोक लगायी गयी है।
  4. नए संशोधनों में, ईश्वर में विश्वास के महत्व तथा रूस को सोवियत संघ का उत्तराधिकारी राज्य घोषित किया गया है, साथ ही, रूस द्वारा ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ के बारे में ऐतिहासिक “सत्य” की रक्षा करने की घोषणा की गयी है।

रूस के समक्ष चुनौतियां:

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, रूस की अर्थव्यवस्था में एक दशक से डॉलर के संदर्भ में विस्तार नहीं हुआ है।

  • IMF का अनुमान है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इस वर्ष 6.6% की गिरावट आई है। महामारी के कारण स्थानीय व्यवसायों को होने वाले नुकसान तथा तेल की कीमतों में गिरावटों से निर्यात कीमतों में कमी के कारण, क्रेमलिन के लिए निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था को ठीक करना मुश्किल लगता है।

विदेश नीति के संदर्भ में, रूस के पश्चिमी देशों के साथ संबंध परेशानीयों से भरे है।

  • वर्ष 2014 में क्रीमिया के राज्य-हरण के पश्चात् रूस पर लगाए गए प्रतिबंध अभी भी जारी हैं।
  • रूस पर अन्य देशों के चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
  • घरेलू स्तर पर, विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी (Alexei Navalny) और उनके समर्थक राज्य की कार्यवाहियों के बावजूद क्रेमलिन के खिलाफ विरोध जारी किये हुए हैं।

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