पंजाब सरकार द्वारा राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों के स्थानांतरण तथा नियुक्तियों पर निर्णय लेने हेतु तीन सदस्यीय सिविल सेवा बोर्ड का गठन किया गया है।
पंजाब सरकार के इस कदम का विरोध
इस अधिसूचना में आईएएस अधिकारियों को निश्चित कार्यकाल प्रदान किया गया है, जिससे राज्य के कुछ नेता सहमत नहीं है।
- इसका कारण है, कि इनके अनुसार आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण राज्य का विशेषाधिकार है।
- इनका कहना है कि, निश्चित कार्यकाल से कार्यात्मक और प्रशासनिक समस्याएं पैदा होंगी तथा इससे राज्य सरकार के अधिकार और अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण भी होगा।
- निश्चित कार्यकाल के नियम तथा मुख्य सचिव के बोर्ड को स्थानांतरण हेतु सिफारिशों की जांच की शक्ति प्रदान किये जाने से, नेताओं के प्रभाव में कमी आयेगी और सारी शक्तियां मुख्य सचिव प्राप्त हो जायेंगी।
सरकार का पक्ष
- सरकार का कहना है कि, यदि अधिकारियों को निश्चित कार्यकाल प्रदान किया जाता है तो वे बेहतर प्रशासन दे पाएंगे।
- अधिकारी सुरक्षित महसूस करेंगे तथा राजनीतिक नेताओं को खुश करने के बजाय नियमों का सख्ती से पालन करेंगे।
- प्रत्येक अधिकारी को अपनी नयी नियुक्ति पर व्यवस्थित होने में लगभग 3-6 महीने का समय लगता है। यदि अधिकारी को दो साल का कार्यकाल दिया जाता है तो लोगों को बेहतर सेवायें प्रदान करने में सफल होगा।
सिविल सेवा बोर्ड क्या है?
नौकरशाही को राजनीतिक हस्तक्षेप से अलग करने तथा राजनीतिक अधिकारियों द्वारा बार-बार स्थानांतरण को समाप्त करने हेतु, वर्ष 2013 में उच्चत्तम न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को नौकरशाहों के स्थानांतरण तथा नियुक्ति पर विचार करने के लिए ‘सिविल सेवा बोर्ड’ गठित करने का निर्देश दिया था।
नियमानुसार, सभी राज्यों में नौकरशाहों के स्थानांतरण तथा नियुक्ति पर निर्णय लेने हेतु ‘सिविल सेवा बोर्ड’ होना चाहिए।
सिविल सेवा बोर्ड के कार्य
- बोर्ड को सिविल सेवक के निर्धारित कार्यकाल के पूरा होने से पहले उसके स्थानांतरण पर निर्णय लेने हेतु अधिदेशित किया गया है।
- नियमों के अनुसार, प्रतिवर्ष 1 जनवरी को सिविल सेवा बोर्ड, केंद्र सरकार के लिए उनके द्वारा आयोजित की गयी बैठकों के बारे में एक वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
गठन
राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary) सिविल सेवा बोर्ड के अध्यक्ष होते हैं।
- वरिष्ठ अतिरिक्त मुख्य सचिव या राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष, वित्तीय आयुक्त अथवा अन्य समकक्ष अधिकारी इसके सदस्य होते है।
- इसके अतिरिक्त, बोर्ड के अन्य सदस्य के रूप में प्रधान सचिव (Principal Secretary) अथवा कार्मिक विभाग के सचिव सम्मिलित होते है।
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