- इसे ‘रथों के त्योहार‘ के रूप में भी जाना जाता है। रथ यात्रा उत्सव ‘पुरी’ के भगवान जगन्नाथ के सम्मान में मनाया जाता है।
- यह उत्सव भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को समर्पित है।
- इस त्योहार के दौरान मंदिर के तीनो देवता – जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र – तीन अलग-अलग रथों में यात्रा करते हैं। इन रथों को क्रमशः नंदीघोष, तलध्वज तथा देवदलन कहा जाता है।
- तीनों देवताओं के लिए हर साल नए रथों का निर्माण किया जाता है। प्रत्येक रथ में चार लकड़ी के घोड़े जुड़े होते हैं।
चर्चा का कारण
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ओडिशा के पुरी के जगन्नाथ मंदिर में 23 जून से निर्धारित वार्षिक रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर हम इस साल की रथ यात्रा की अनुमति देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।
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