Monday, 22 June 2020

उइगर मानवाधिकार अमेरिकी विधेयक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के उइगर मुसलमानों के दमन पर प्रतिबंध लगाने के लिए बने कानून पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रमुख बिंदु
इस विधेयक में चीन के शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Province) में उइगर और अन्य मुस्लिम समूहों के दमन के लिए उत्तरदायी लोगों के विरूद्ध प्रतिबंधों का प्रावधान किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार शिनजियांग प्रांत में स्थित शिविरों में लगभग दस लाख से अधिक मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है।
विधेयक में, शिनजियांग कम्युनिस्ट पार्टी के सचिवचेन क्वांगो (Chen Quanguo) को उइगरों के खिलाफ “मानव अधिकारों के उल्लंघन” के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
विधेयक में, शिनजियांग क्षेत्र में काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके उत्पादों में बलात श्रम द्वारा द्वारा निर्मित करवाई गयी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाए।
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि शिनजियांग क्षेत्र में स्थित शिविरों में दस लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने चीनी अधिकारियों पर मुसलमानों को यातना देने, दुर्व्यवहार करने तथा उनकी संस्कृति और उनके धर्म को जड़ से मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
उइगर (Uighur) कौन हैं?
उइगर मुस्लिम चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में निवास करने वाले अल्पसंख्यक हैं। शिनजियांग प्रांत में इनकी जनसंख्या तकरीबन 40 प्रतिशत है।
उइगर, चीन की तुलना में तुर्की तथा अन्य मध्य एशियाई देशों से करीबी नृजातीय संबंधों का दावा करते हैं।
चीन उइगरों को क्यों निशाना बना रहा है?
शिनजियांग तकनीकी रूप से चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। शिनजियांग, चीन का सबसे बड़ा क्षेत्र है तथा खनिजों से समृद्ध है इसके साथ ही इस प्रांत की सीमायें भारतपाकिस्तानरूस और अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ मिलती है।
  1. पिछले कुछ दशकों में, शिनजियांग प्रांत आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ है, इसके साथ ही बड़ी संख्या में बहुसंख्यक हान चीनी (Han Chinese) इस क्षेत्र में आकर बस गए तथा बेहतर नौकरियों पर कब्जा कर लिया है। हान चीनीयों ने उइगरों के लिए आजीविका तथा पहचान के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है।
  2. इन्ही कारणों से, छिटपुट हिंसा की शुरुआत हुई तथा वर्ष 2009 में शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में 200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर हान चीनी थे। तब से कई अन्य हिंसक घटनाएं हुई हैं।
  3. बीजिंग का कहना है कि उइगर समुदाय एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहता है और, उइगरों के तुर्की तथा अन्य मध्य एशियाई देशों से सांस्कृतिक संबंधों के कारण, चीनी नेताओं को डर है कि पाकिस्तान जैसी जगहों पर अवस्थित उग्रवादी तत्व शिनजियांग में अलगाववादी आंदोलन को समर्थन दे सकते हैं।
  4. इसलिए, चीन की नीति पूरे समुदाय को संदिग्ध मानने तथा उइगरों की अलग पहचान को समाप्त करने हेतु एक व्यवस्थित परियोजना के आरम्भ करने की प्रतीत होती है।

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