Thursday, 25 June 2020

मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकी वित्तपोषण के प्रतिरोध हेतु यूरेशियन समूह (EAG)

हाल ही में, वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (Financial Action Task Force- FATF) के तत्वावधान में हुई ‘मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकी वित्तपोषण के प्रतिरोध हेतु यूरेशियन समूह’ (EAG) की 32वी बैठक में भारत ने भाग लिया।

EAG क्या है?

मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकी वित्तपोषण के प्रतिरोध हेतु यूरेशियन समूह (Eurasian Group on Combating Money Laundering and Financing of Terrorism- EAG) एक क्षेत्रीय निकाय है, जिसमें नौ देश सम्मिलित हैं: भारतरूसचीनकजाकिस्तानकिर्गिस्तानताजिकिस्तानतुर्कमेनिस्तानउजबेकिस्तान और बेलारूस।

  • इसकी स्थापना वर्ष 2004 में की गयी थी, तथा यह वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) का एक सहयोगी सदस्य है।
  • इसकी स्थापना 6 अक्टूबर, 2004 को मास्को में आयोजित यूरोप तथा एशिया के छह देशों के एक सम्मलेन में की गयी थी।
  • EAG के संस्थापक सदस्य देश, बेलारूसकजाकिस्तानचीनकिर्गिस्तानरूस और ताजिकिस्तान हैं।
  • वर्ष 2005 में उजबेकिस्तान (2005) तथा वर्ष 2010 में तुर्कमेनिस्तान और भारत को EAG में सम्मिलित किया गया था।
  • मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकी वित्तपोषण के प्रतिरोध हेतु यूरेशियन समूह (EAG) समझौते पर जून 2011 में मॉस्को में हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें EAG को एक क्षेत्रीय अंतर सरकारी संगठन का दर्जा प्रदान किया गया।

EAG के प्रमुख कार्य

  1. सदस्य देशों को आतंकी वित्तपोषण (terrorist financing) को रोकने के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की 9 विशेष सिफारिशों तथा धन शोधन (Money Laundering) हेतु FATF द्वारा की गयी 40 सिफारिशों को लागू करने में सहायता करना।
  2. मनी लॉन्ड्रिंग तथा आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने के उद्देश्य से संयुक्त कार्ययोजनाओं का निर्माण तथा संचालन करना।
  3. FATF की (40-9) सिफारिशों के आधार पर सदस्य-देशों द्वारा जारी कार्यक्रमों का पारस्परिक मूल्यांकन करना।
  4. विशेष अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, निकायों और अन्य इच्छुक देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी सहायता कार्यक्रमों का समन्वय करना।
  5. मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण प्रवृत्तियों का विश्लेषण करना।

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