‘लोन वुल्फ’ शब्द का उपयोग अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और मीडिया द्वारा किसी निर्देश व्यवस्था से अलग आतंकी घटना को अंजाम देने वाले व्यक्तियों के लिए किया जाता है।
लोन वुल्फ या अकेला- आतंकवादी वह होते है जो किसी भी आतंकी समूह की सहायता अथवा निर्देशों के बगैर अकेले हिंसक कृत्य करते है। ये किसी समूह की चरम विचारधारा तथा मान्यताओं से प्रभावित या प्रेरित हो सकते हैं तथा ऐसे समूह के समर्थन में आतंकी कार्य कर सकते हैं।
चर्चा का कारण
हाल ही में, लंदन के पश्चिम में स्थित रीडिंग कस्बे के एक पार्क में चाकू से हमला किया गया, जिसमे तीन लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
यह घटना, ब्रिटेन में ‘लोन वुल्फ’ के खतरे की चेतावनी है। नवंबर 2019 से, देश में इस तरह की तीन बड़ी घटनायें हो चुकी है।
इस प्रकार के हमलों को रोकने में कठिनाई
आतंकवादी संगठन इस रणनीति का प्रयोग उन देशों में हिंसा फैलाने के लिए करते हैं जहां सुरक्षा व्यवस्था के कारण बड़े हमले करना असंभव होता है।
सुरक्षा एजेंसियों तथा खुफिया एजेंसियों द्वारा समन्वित आतंकी हमलों में, अपराधियों का पता लगाने की संभावना काफी अधिक होती है। लेकिन, लोन वुल्फ हमलों में, चरमपंथी व्यक्ति अपने विश्वास तथा मान्यताओं को हिंसक कार्यों में तब्दील कर देते हैं, और इसलिए उनका पता लगाना तथा उन्हें रोकना कठिन होता है।
समय की मांग
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को कट्टरता के प्रति एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही सोशल मीडिया अथवा अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से कट्टरता (radicalization) को मिल रहे कट्टरपंथ की रोकथाम के लिए समुचित तंत्र का निर्माण किया जाये। सरकार द्वारा विभिन्न समुदायों के नेताओं के साथ मिलकर गैर-कट्टरता (deradicalisation) संबंधी कार्यकम चलाये जाने की आवश्यकता है।
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