वित्त मंत्रालय ने आम जनता तथा संस्थाओं द्वारा सीधे राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (National Disaster Relief Fund– NDRF) में दान करने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
महत्व तथा निहितार्थ
वित्त मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में सीधे दान करने की अनुमति देना काफी महत्वपूर्ण है, क्योकि हाल ही में कई लोगों द्वारा PM CARES फंड अथवा प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेजे गए दान के बारे कई सवाल किये गए। इसके साथ ही, इन दोनों कोषों को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं’ घोषित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) के बारे में
NDRF की स्थापना आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46 के अंतर्गत की गई थी।
- इस कोष का गठन किसी संकटपूर्ण आपदा स्थिति में ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास के लिए व्यय को पूरा करने के लिए’ किया गया है। इसका प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
- इस कोष के द्वारा गंभीर प्रकृति की आपदाओं के मामले में तत्काल राहत प्रदान करने हेतु राज्यों के राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (State Disaster Response Funds– SDRF) के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- NDRF को भारत सरकार के “लोक लेखा” में “ब्याज रहित आरक्षित निधि” के अंतर्गत रखा गया है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) NDRF के खातों का ऑडिट करते हैं।
प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) क्या है?
पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए जनवरी, 1948 में तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता के अंशदान से प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (Prime Minister’s National Relief Fund– PMNRF) की स्थापना की गई थी।
- प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की धनराशि का इस्तेमाल अब प्रमुखतया बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है।
- इसके अलावा, हृदय शल्य-चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के उपचार के लिए भी इस कोष से सहायता दी जाती है।
प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में स्वीकार किए जाने वाले अंशदान के प्रकार
- प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में किसी व्यक्ति और संस्था से केवल स्वैच्छिक अंशदान ही स्वीकार किए जाते हैं।
- सरकार के बजट स्रोतों से अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बैलेंस शीट्स से मिलने वाले अंशदान स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
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