हाल ही में, सरकार द्वारा, ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘आत्म निर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के लिए विक्रेताओं द्वारा GeM में कुछ परिवर्तन किये गए हैं।
इसमें सम्मिलित है:
- विक्रेताओं के लिए GeM पर सभी नए उत्पादों को पंजीकृत करने के समय वे उत्पत्ति के देश के बारे में जानकारी देना अनिवार्य है।
- जिन विक्रेताओं ने GeM पर इस नए फीचर के लागू होने से पूर्व अपने उत्पादों को पहले ही अपलोड कर लिया है, उन्हें, नियमित रूप से उत्पत्ति के देश का अद्यतन करना होगा।
- GeM ने उत्पादों में स्थानीय सामग्री की प्रतिशतता का संकेत देने के लिए भी एक प्रावधान किया गया है।
- GeM पोर्टल पर ‘मेक इंन इंडिया‘ फिल्टर सक्षम बना दिया गया है। खरीदार केवल उन्हीं उत्पादों की खरीद कर सकता है जो कम से कम 50 प्रतिशत के स्थानीय कंटेंट के मानदंड को पूरी करते हैं।
GeM के बारे में
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद मंच है। इसमें बोनाफाइड विक्रेताओं को होने वाली प्रवेश बाधाओं को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है तथा कई प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं सहित एक जीवंत ई-मार्केटप्लेस बनाया जाता है।
उद्देश्य: GeM का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाना है।
GeM सुविधाएं
- व्यक्तियों हेतु आम उपयोग की वस्तुओं / सेवाओं की निर्धारित श्रेणियों के उत्पादों की सूची।
- उचित मूल्य निर्धारण के आधार पर देखने, आंकने, तुलना करने तथा खरीदने की सुविधा।
- अधिकाँश उपयोगी वस्तुओं की बाजार में खरीद।
- आवश्यकता होने पर, वस्तुओं व सेवाओं की ऑनलाइन खरीद।
- पारदर्शिता तथा खरीदने में आसानी।
- रिवर्स ऑक्शन / ई-बिडिंग का उपयोग।
- विक्रेता रेटिंग प्रणाली।
GeM के लाभ
- पारदर्शिता को बढ़ावा
- दक्षता में वृद्धि
- विश्वासयुक्त और सुरक्षित
- सरकार को बचत
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