प्रमुख बिंदु:
- नवसृजित भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन तथा प्रमाणीकरण केंद्र (IN-SPACe) भारतीय अंतरिक्ष अवसंरचना का उपयोग करने हेतु निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए समान अवसर उपलब्ध करायेगा।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) मूल निकाय के रूप में कार्य करेगा तथा नए मिशन के बारे निर्णय लेगा।
- इसके साथ, निजी कंपनियों को उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं में समान अवसर प्रदान किया जाएगा।
- निजी क्षेत्र के लिए, ग्रहों के अन्वेषण हेतु भविष्य की परियोजनाओं पर कार्य करने तथा बाह्य अंतरिक्ष की यात्रा का मार्ग खुलेगा।
महत्व तथा अपेक्षित परिणाम
भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में उन्नत क्षमताओं वाले चंद देशों में एक है।
- इन सुधारों से क्षेत्र को नई ऊर्जा तथा गतिशीलता प्राप्त होगी जिससे देश को अंतरिक्ष गतिविधियों के अगले चरण में तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
- इससे न केवल इस क्षेत्र में तेजी आएगी बल्कि भारतीय उद्योग विश्व की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।
- इसके साथ ही प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़े पैमान पर रोजगार की संभावनाएं हैं और भारत एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी पावरहाउस बन रहा है।
- ये सुधार इसरो को अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, नई प्रौद्योगिकियों, खोज मिशनों तथा मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों पर अधिक फोकस करने में सक्षम बनायेगा।
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