Tuesday, 30 June 2020

MSME वर्गीकरण और पंजीकरण हेतु समेकित अधिसूचना

हाल ही में, सूक्ष्मलघु और मध्यम उद्यम (Micro Small and Medium Enterprises- MSME) मंत्रालय द्वारा, 1 जुलाई, 2020 से प्रभावी होने वाली ‘MSME वर्गीकरण और पंजीकरण हेतु समेकित अधिसूचना’ जारी की गयी है।

यह अधिसूचना MSME के वर्गीकरण या पंजीकरण के संबंध में पूर्व में जारी की गई सभी अधिसूचनाओं का स्‍थान लेगी।

प्रमुख बिंदु:

  1. अधिसूचना के अनुसार, इसके बाद, एक MSME को उद्यम के नाम से जाना जाएगा, क्योंकि यह एंटरप्राइज़ शब्द के अधिक करीब है। फलस्‍वरूप, पंजीकरण की प्रक्रिया को उदयम पंजीकरण के नाम से जाना जाएगा।
  2. उद्यम पंजीकरण स्व-घोषणा के आधार पर ऑनलाइन कराया जा सकता है। इसके लिए किसी दस्तावेज, कागजात, प्रमाण पत्र या प्रमाण को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है।
  3. MSME वर्गीकरण के लिए बुनियादी मानदंड, संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश और ‘कारोबार’ होंगे।
  4. किसी भी उद्यम चाहे सूक्ष्‍म, लघु अथवा मध्‍यम हो, उसके कारोबार की गणना करते समय वस्तुओं या सेवाओं या दोनों के निर्यात को बाहर रखा जाएगा;
  5. मंत्रालय ने देश भर में चैंपियंस कंट्रोल रूम को पहल के अंतर्गत पंजीकरण और इसके बाद भी उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने के लिए कानूनी रूप से जवाबदेह बनाया है।

नए वर्गीकरण के अनुसार:

  1. सूक्ष्म उद्यम: एक करोड़ रुपये से अधिक का निवेश नहीं होगा और 5 करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
  2. लघु उद्यम: 10 करोड़ रुपये तक का निवेश और 50 करोड़ रुपये तक का कारोबार।
  3. मध्यम उद्यम: – 50 करोड़ रुपये से अधिक निवेश तथा 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार।

महत्व तथा निहितार्थ

यह उपाय MSMEs के कार्य-प्रणाली को पूरी तरह से परिवर्तित कर, यह विश्व स्तर पर MSME  के प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करेंगे।

महामारी नियंत्रण के तुरंत बाद ही, प्रोत्साहन पैकेज के साथ, ये उद्यम तेजी से -आकार की अर्थव्यवस्था बहाली की स्थिति में होंगे।

MSMEs का महत्व

देश के भौगोलिक विस्तार के अंतर्गत, लगभग 63.4 मिलियन यूनिट के साथ, MSMEs सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 6.11% और सेवा गतिविधियों के अंतर्गत जीडीपी का 24.63% तथा  भारत के विनिर्माण उत्पादन में 33.4% योगदान करते हैं।

MSMEs लगभग 120 मिलियन व्यक्तियों को रोजगार देने में सक्षम हैं और भारत से कुल निर्यात में लगभग 45% योगदान करते हैं।

लगभग 20% MSME ग्रामीण क्षेत्र आधारित हैं, जो MSME क्षेत्र में महत्वपूर्ण ग्रामीण कार्यबल के उपयोग को इंगित करता है।

अतिरिक्त तथ्य:

अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस 27 जून को  मनाया गया।

इसका विषय- COVID-19: द ग्रेट लॉकडाउन और लघु व्यवसाय पर इसके प्रभाव” था।

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