जेम्स लवलॉक द्वारा प्रस्तुत गैया परिकल्पना एक पारिस्थितिक सिद्धांत है, इसके अनुसार, सभी जीवित प्राणीयों तथा भौतिक संसार के मध्य एक जटिल अंतःक्रियात्मक प्रणाली होती है जिससे परस्पर संतुलन बना रहता है।
जेम्स लवलॉक की ‘गैया परिकल्पना’ ने एकीकृत प्रणाली के रूप में पृथ्वी की प्रकृति के सन्दर्भ में पारंपरिक सोच को चुनौती दी है।
इनका मानना है कि, पृथ्वी एक जीवित जीव की तरह काम करती है – यह जीवन एक स्व-विनियमन प्रणाली का हिस्सा है, जो ग्रह को जीवन के लिए एक उपयुक्त आवास के रूप में बनाए रखने के लिए भौतिक और रासायनिक वातावरण में हेरफेर करता है।
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