रेहड़ी-पटरी वालों (Street Vendors) के लिए विशेष लघु-ऋण (माइक्रो क्रेडिट) सुविधा- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) प्रदान करने हेतु सिडबी (SIDBI) को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शामिल करने हेतु ‘आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय’ और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (Small Industries Development Bank of India- SIDBI) के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
SIDBI की भूमिका
सिडबी, पीएम स्वनिधि योजना को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में लागू करेगा।
यह सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises- CGTMSE) के माध्यम से ऋण प्रदाता संस्थानों को क्रेडिट गारंटी का प्रबंधन भी करेगा।
सिडबी, एक विशिष्ट रूप से निर्मित और एकीकृत आईटी प्लेटफ़ॉर्म विकसित करेगा, जो शहरी स्थानीय निकायों (Urban Local Bodies- ULBs), ऋण प्रदाता संस्थानों, डिजिटल भुगतान संग्राहकों और अन्य हितधारकों के बीच समन्वय करेगा।
योजना के प्रमुख बिंदु
- यह 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को 10,000 रु. तक का सस्ता ऋण प्रदान करने हेतु एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना है। इसके अंतर्गत 24 मार्च को या उससे पहले कारोबार करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण प्रदान किया जायेगा।
- यह योजना मार्च 2022 तक वैध है।
- भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) इस योजना के कार्यान्वयन हेतु तकनीकी भागीदार है।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) के माध्यम से ऋण प्रदाता संस्थानों को क्रेडिट गारंटी का प्रबंधन करेगा।
योजना के अंतर्गत ऋण
- इस योजना के तहतस्ट्रीट वेंडर्स 10 हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण ले सकते हैं जिसे एक वर्ष की अवधि में मासिक किश्तों में चुकाने होंगे।
- समय पर / जल्दी ऋण चुकाने पर 7 प्रतिशत की सालाना ब्याज सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में त्रिमासिक आधार पर जमा कर दी जाएगी।
- ऋण के शीघ्र पुनर्भुगतान पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
पात्रता
इस योजना के अंतर्गत शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेताओं,सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वाले, फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून, पान की दुकान तथा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति करने वालों को ऋण प्रदान किया जायेगा।
योजना की आवश्यकता
- लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूरों तथा सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों के जीवन तथा उनकी आजीविका को विशेष रूप से प्रभावित हुई है।
- स्ट्रीट वेंडर आमतौर पर अनौपचारिक स्रोतों से बहुत अधिक ब्याज दरों पर ऋण लेकर छोटी पूंजी लगाकर कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त, लॉकडाउन के दौरान अपनी बचत तथा लागत पूंजी का समाप्त हो जाने के कारण पुनः रोजगार आरंभ करने का संकट इनके सामने है।
- अतः, व्यापार को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स को औपचारिक बैंकिंग स्रोतों के माध्यम से कार्यशील पूंजी के लिए सस्ती क्रेडिट प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है।
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