हाल ही में, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा ‘अवैध वन्यजीव व्यापार पर पहली वैश्विक रिपोर्ट’ जारी की गई है। इसे “मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध वन्यजीव व्यापार” रिपोर्ट कहा जाता है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अवैध वन्यजीव व्यापार को “वैश्विक खतरा” बताया है, जो आधुनिक दासता, मादक पदार्थों की तस्करी और हथियारों के व्यापार जैसे अन्य संगठित अपराधों के साथ जुड़ा होता है।
मुख्य निष्कर्ष:
- प्रति वर्ष लगभग 23 बिलियन डॉलर मूल्य का अवैध व्यापार होता है।
- अपराधी वन्यजीव अपराधों से अवैध रूप से आगे बढ़ने हेतु अक्सर वैध वन्यजीव व्यापार तथा अन्य आयात-निर्यात प्रावधानों का दुरुपयोग करते है।
- वे अपने अवैध व्यापार को अंजाम देने हेतु भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और कर चोरी का सहारा लेते है।
- सरकारी एजेंसीयों, निजी क्षेत्र और सिविल सोसाइटी की प्रतिक्रिया से बचने के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस और मोबाइल तथा सोशल मीडिया-आधारित भुगतान प्रणालियों का उपयोग करते है।
- UN वर्ल्ड वाइल्डलाइफ क्राइम रिपोर्ट, 2016 के अनुसार, विश्व भर में 7,000 से अधिक वन्य-जीवों तथा पौधों की प्रजातियों से अवैध रूप से व्यापार किया जा रहा है।
चुनौतियां:
अवैध व्यापार के माध्यम से प्राप्त धन से उत्पन्न खतरों का आकलन तथा उसका प्रतिरोध करने के लिए न्यायाधिकरणों के पार आवश्यक ज्ञान, विधायी आधार और संसाधन नहीं होते हैं।
- आपराधिक संगठन, अवैध रूप से अर्जित की गयी आय का शोधन करने हेतु औपचारिक वित्तीय क्षेत्र का दुरुपयोग करते हैं।
- अवैध आय को ऋण या भुगतान, ई-बैंकिंग प्लेटफॉर्म, लाइसेंस प्राप्त मनी वैल्यू ट्रांसफर सिस्टम और बैंकों के माध्यम से, तथा तीसरे पक्ष के वायर ट्रांसफर की आड़ में, वैध मुद्रा में परिवर्तित किया जाता है।
फ्रंट कंपनियां, अक्सर आयात-निर्यात उद्योगों से जुड़ी होती हैं, और शेल फर्मों का उपयोग माल की आवाजाही और सीमा-पर मनी ट्रांसफर के लिए किया जाता है।
आगे की राह
- रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय जांच द्वारा अपराध में शामिल सिंडिकेट को समाप्त करना अति आवाश्यक है, इससे संबद्ध आपराधिक गतिविधियों पर व्यापक रूप से रोक लगाई जा सकती है।
- सभी अधिकार-क्षेत्रों द्वारा उचित प्रणालियों के लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए।
- अवैध वन्यजीव व्यापार से जुड़े अपराधों के लिए मनी- लांड्रिंग रोधी कानूनों की प्रयोज्यता बढ़ाने के लिए विधायी परिवर्तन आवश्यक हैं।
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