Sunday, 28 June 2020

पतंजलि द्वारा कोरोनावायरस (Covid-19) उपचार

 हाल ही में, योग गुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने Covid-19 को ठीक करने वाली पहली आयुर्वेदिक दवा के निर्माण का दावा किया है।

दवा के बारे में

रामदेव ने दावा किया है कि Covid-19 से संक्रमित व्यक्तियों पर नैदानिक परीक्षण (clinical trials) के दौरान कोरोनिल टैबलेट´(Coronil tablet) स्वसारी वटी’ (Swasari Vati) तथा ‘अणु तेल’ (Anu Taila) ने ‘शत प्रतिशत अनुकूल परिणाम’ दिखाए हैं।

वर्तमान स्थिति

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कथित दवा के बारे में विवरण मांगा है तथा पतंजलि और रामदेव को इस तरह के दावा करने से रोकने का निर्देश दिया है।

संबंधित आयुर्वेदिक दवा विनिर्माता कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक औषधियों सहित दवाओं के ऐसे विज्ञापन ‘औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम’ [Drugs and Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act] 1954 के प्रावधानों तथा उसके नियमों एवं  तथा कोविड महामारी के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत विनियमित हैं।

 औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम1954

  • इसके अंतर्गत, जादुई गुण होने का दावा करने वाली दवाओं और उपचार के विज्ञापनों को प्रतिबंधित किया गया है तथा इसे संज्ञेय अपराध घोषित करता है।
  • इसमें पहली बार अपराध करने पर 6 महीने की कैद अथवा जुर्माने अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है। अपराध की पुनरावृत्ति होने पर सजा की अवधि एक वर्ष तक हो सकती है।
  • किसी कंपनी के दोषी होने पर, कंपनी के सभी सदस्यों को दोषी माना जाएगा।

कानून के अंतर्गत प्रतिवंधित दवाएं तथा उपचार

  1. महिलाओं के गर्भपात तथा गर्भधारण को रोकने से संबंधित
  2. यौन-सुख क्षमता में वृद्धि संबंधी
  3. मासिक-धर्म विकारों के सुधार संबंधी
  4. अनुसूची में उल्लिखित किसी बीमारी या स्थिति के इलाज, निदान या रोकथाम संबंधी

परिभाषा

इस अधिनियम में ‘जादुई उपचार’ (magic remedy) को किसी भी ताबीज, मंत्र, ताबीज या किसी अन्य वस्तु के रूप में परिभाषित किया गया है, जो यह दावा करता कि इसमें मनुष्य या जानवर की किसी बीमारी का इलाज, निदान या शमन करने हेतु चमत्कारी शक्तियां विद्यमान हैं।

आलोचनाएँ

इस कानून को शायद ही कभी लागू किया जाता है तथा जादुई उपचार संबंधी कई उत्पाद जनता के लिए आसानी से उपलब्ध हैं।

इस कानून को अब काफी पुराना माना जाता है क्योंकि इसकी सूची में शामिल 14 रोग अब इलाज योग्य हैं, तथा एड्स जैसे नए रोग इसकी सूची में सम्मिलित नहीं हैं।

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