Sunday, 28 June 2020

स्टाइरीन गैस रिसाव

आंध्र प्रदेश राज्य सरकार ने एलजी पॉलिमर इकाई में स्टाइरीन मोनोमर गैस रिसाव संबंधी घटना की जांच कर रही उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का समय 30 जून तक बढ़ा दिया है।

पृष्ठभूमि:

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 7 मई को एलजी पॉलिमर प्लांट से स्टाइरीन गैस लीक की घटना हुई थी। इस त्रासदी में 12 लोग मारे गए तथा कई गंभीर रूप से बीमार हो गए। इस घटना की जांच करने हेतु आंध्र प्रदेश सरकार ने एक उच्च-स्तरीय कमेटी का गठन किया है।

  • सरकार ने पहले कमेटी को 22 जून तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
  • कमेटी, घटना के कारणों की जांच करने के अतिरिक्त, पीड़ितों द्वारा उठाए गयी चिंताओं का समाधान करने हेतु सिफरिशे करेगी, साथ ही खतरनाक उद्योगों की पहचान भी करेगी।

स्टाइरीन गैस तथा उसके प्रभावों पर एक त्वरित नज़र:

स्टाइरीन (Styrene) क्या है?

स्टाइरीन एक रासायनिक यौगिक है जिसे न्यूरो-टॉक्सिन्स के रूप में जाना जाता है। यह पॉलिमर, प्लास्टिक और रेजिन के उत्पादन में प्रयुक्त एक कार्बनिक यौगिक होता है।

स्टाइरीन- का निर्माण पेट्रोकेमिकल रिफाइनरियों में होता है।

यह एक जहरीलीज्वलनशील गैस है।

इसे PVC गैस (पॉलीविनाइल क्लोराइड- Polyvinyl Chloride) के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसका उपयोग पीवीसी के उत्पादन में किया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्टाइरीन दुनिया में 20 वां सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला रसायन है।

यह कहां पाया जाता है?

स्टाइरीन रासायन, पर्यावरण में एक बार निर्मुक्‍त होने के बाद यह हवा, पानी और मिट्टी में पाया जा सकता है। वायु में इसका 1-2 दिनों में विखंडन हो जाता है, जबकि मृदा और उथले पानी की सतहों से वाष्पित होता रहता है। मृदा में इस रसायन का सूक्ष्म जीवों द्वारा बिखंडन किया जाता है।

स्टाइरीन, प्राकृतिक अवस्था में कुछ पौधों और खाद्य पदार्थों (दालचीनीकॉफी बीन्सगुलमेंहदी के पेड़ और मूंगफली) में कम मात्रा में पाया जाता है तथा इसे कोयला टार (coal tar) में भी पाया जाता है

यह प्राणियों को किस प्रकार प्रभावित करता है?

  1. स्टाइरीन के संपर्क में आने से मनुष्य की आंखों में जलन तथा जठरांत्र (gastro-intestinal) संबंधी समस्याएं होती है।
  2. यह त्वचा में ऊतकों की बाहरी परत को भी प्रभावित करता है जिससे कुछ समय बाद त्वचा गलने लगती है तथा रक्तस्राव शुरू हो जाता है।
  3. दीर्घकालिक प्रभावों में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की शिथिलता, अवसाद, श्रवण हानि और परिधीय न्यूरोपैथी (हाथ और पैरों का सुन्न होना) शामिल हैं।
  4. इस के प्रभाव से कलर ब्लाइंडनेस (वर्णान्धता) होने संभावना बढ़ जाती है।
  5. स्टाइरीन एक कैंसरकारी तत्व है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर हो सकता है।

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