वर्ष 2020-21 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ (‘Per Drop More Crop’ component of Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana- PMKSY- PDMC) के तहत राज्य सरकारों को 4000 करोड़ रुपये का वार्षिक आवंटन किया गया।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ (PMKSY- PDMC) के बारे में:
PMKSY- PDMC का कार्यान्वयन कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है।
यह पूरे भारत में वर्ष 2015-16 से चालू है।
इसके अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्योगिकियों यथा ‘ड्रिप और स्प्रिंकलर’ सिंचाई प्रणालियों के माध्यम से खेत स्तर पर जल उपयोग की क्षमता बढ़ाने पर फोकस किया जाता है।
ड्रिप सूक्ष्म सिंचाई तकनीक से न केवल जल की बचत करने में, बल्कि उर्वरक के उपयोग, श्रम खर्च और अन्य कच्चे माल की लागत को कम करने में भी मदद मिलती है।
फंडिंग
इस योजना हेतु, नाबार्ड के साथ मिलकर 5000 करोड़ रुपये का सूक्ष्म सिंचाई कोष (Micro Irrigation fund) बनाया गया है।
इस कोष का उद्देश्य राज्यों को विशेष सिंचाई और अभिनव परियोजनाओं के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई की कवरेज के विस्तार के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में सुविधा प्रदान करना है।
इसका एक अन्य उद्देश्य किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियां स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए PMKSY-PDMC के तहत उपलब्ध प्रावधानों से परे सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहित करना है।
सरकार द्वारा सहायता
सरकार, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को लगाने हेतु छोटे और सीमांत किसानों के लिए कुल लागत के 55% तथा और अन्य किसानों के लिए 45% की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
इसके अलावा, कुछ राज्य सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने हेतु किसानों को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन / टॉप-अप सब्सिडी प्रदान करते हैं।
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