Tuesday, 16 June 2020

धारा 370 की समाप्ति तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव

एक प्रभावशाली चीनी थिंक-टैंक, ‘चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस (CICIR) – ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (the Line of Actual Control- LAC) पर वर्तमान तनाव को पिछले वर्ष भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने तथा जम्मू और कश्मीर के दर्जे में किये गए परिवर्तन से जोड़ा है।
CICIR का वक्तव्य
CICIR ने भारत के इस कदम को चीन तथा पाकिस्तान के लिए एक संयुक्त चुनौती के रूप में बताया है। इसका कहना है कि भारत सरकार के इस कदम ने “पाकिस्तान तथा चीन की संप्रभुता को चुनौती दी है“।
इसके अनुसार इस कदम ने “भारत-पाकिस्तान संबंधों तथा चीन-भारत संबंधों को और अधिक जटिल बना दिया है।”
पृष्ठभूमि
पिछले वर्ष, धारा 370 की समाप्ति के पश्चात भारत सरकार द्वारा एक नया मानचित्र जारी किया गया।
चीन ने आरोप लगाया है, कि भारत द्वारा जारी किये गए मानचित्र पर नए क्षेत्रों को सामिलित किया गया है। इसमें झिंजियांग (Xinjiang) तथा तिब्बत के स्थानीय अधिकार क्षेत्रों में आने वाली भूमि को लद्दाख संघ शासित प्रदेश के अंतर्गत  दर्शाया है।
और, इस कारण चीन कश्मीर विवाद में उतरने पर विवश हो गया तथा भारत के इस कदम ने  चीन और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर जवाबी कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है जिससे चीन और भारत के मध्य सीमा विवाद को हल करने हेतु कठिनाई में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है।
वर्तमान स्थिति
हाल ही में, लद्दाख में विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पार भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के कारण भारत-चीन संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इस तनाव को कम करने तथा स्थिति नियंत्रण हेतु विभिन्न स्तरों पर बातचीत चल रही है।

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